हल्दी की खेती कैसे करें ( How to cultivate turmeric in Hindi ) free guide in 2024

हल्दी की खेती कैसे करें

हल्दी देश के प्रमुख मसाला में से एक हैं क्षेत्रफल एवं उत्पादन में इसका पहला स्थान है हल्दी का उपयोग हमारे भोजन में दिन प्रतिदिन क्या जाता है इसका सभी धार्मिक कार्यों में मुख्य स्थान प्राप्त है साथ ही हल्दी में काफी मात्रा में औषधि के गुण पाया जाता है इसका उपयोग हम लोग घरेलू दवा एवं सौंदर्य प्रसाधन ऑन में भी होता है हल्दी के निर्यात से काफी विदेशी मुद्रा देश को अर्जित हो रही है |

हल्दी की खेती करने के लिए जलवायु

जलवायु मिट्टी को नमी रखने में सबसे बड़ा काम होता है नमी के कारण हल्दी हरा भरा एवं ताज बना रहता है हल्दी नवी एवं जलवायु फसल है फसल के विकास के लिए गर्मी एवं नाम जलवायु उपयुक्त होती है परंतु गांठ बनते समय ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है साथ ही इस समय 25 से 30 डिग्री से तापमान उपयुक्त पाया गया है |

हल्दी की खेती के लिए भूमि

कोई फसल के लिए भूमि तैयार करना अनिवार्य है इसी के साथ-साथ हम लोग हल्दी के बारे में भूमि तैयार करने की तकनीकी को जानेंगे तथा हल्दी की खेती के लिए मिट्टी कैसे तैयार करते हैं यह भी जानेंगे

हल्दी की खेती के लिए जल निकास युक्त बालों में दोमट से हल्की दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है फसल वृद्धि के लिए जीवांश पदार्थ के प्रचुरता आवश्यक है

खेत की तैयारी

हल्दी के कांड जमीन में मिट्टी के नीचे बनते हैं इसलिए मिट्टी काफी मुलायम होनी चाहिए इसके लिए चार-पांच जुटा की आवश्यकता होती है मिट्टी जितनी ज्यादा तैयार होगा फसल उतना ही ज्यादा होगा उसमें उन्नति वृद्धि होगा अधिक उपज के लिए मिट्टी का तैयार होना अनिवार्य है तथा नमी होनी जरूरी है |

मिट्टी तैयार करने की विधि

  • पहले जोत मिट्टी पलटने वाले हाल से करनी चाहिए
  • कल्टीवेटर अथवा देशी हल से करनी चाहिए
  • प्रत्येक जुदाई के बाद पाटा लगाना चाहिए\
  • मिट्टी भुर भूरी बना ले
  • फसल की उपज बढ़ाने के लिए गोबर के सारे गले खाद मिट्टी के साथ मिला ले
  • खेतों को नमी बनाए रखने के लिए रासायनिक खाद डालें
  • सारे गले खरपतवार को मिट्टी के साथ मिला दे जिससे उपज अधिक होगी

हल्दी की बीज दर

हल्दी की बीज दर सर्दी की बुवाई के लिए 30 से 35 ग्राम के प्रकांड है जिसमें 4 से 5 स्वस्थ कलियां हो 30 से 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है\

हल्दी बूआई का समय

हल्दी बूआई के लिए उचित समय 15 में से 31 में तक का सर्वोत्तम समय है बोन का कार्य समय पर पूरा करना चाहिए जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है  |

खरपतवार प्रबंधन

खरपतवार प्रबंधन हल्दी में नीरज गोरी का बहुत अधिक महत्व है इससे खरपतवारों का नियंत्रण होता है वही कंधों के विकास के लिए अच्छा अवसर प्राप्त होता है पहले निराई बुराई 30 से 40 दिनों के बाद तथा दूसरी 60 से 70 दिनों के बाद तथा तीसरे 90 से 100 दिनों के बाद करनी चाहिए नीति बुराई के समय पौधे के जड़ों के चारों तरफ मिट्टी चढ़ाना चाहिए

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हल्दी की खेती कैसे करें
हल्दी की खेती कैसे करें

 

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सिंचाई प्रबंधन for cultivate turmeric 

सिंचाई के लिए पानी का होना जरूरी है के पास खेतों के आसपास जल है तो कोई भी फसल आसानी आप फसल को उपजा सकते हैं पानी का होना अनिवार्य है सिंचाई बिना फसल अधूरा होगा जिससे फसल काफी कम होने का संभावना बना रहता है इसलिए जल बहुत ही अनिवार्य है |

इसलिए कहा जाता है जल ही जीवन है जल के बिना फसल तो क्या जीवन भी अधूरा है | इसलिए किसी भी प्रकार का जल हो उसे waste ना करें इनको बचाए हल्दी की खेती कैसे करें in hindi laungage. new method for cultivate turmeric in Hindi 2024.

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